स्वामी विवेकानन्द जी के विचार
मेरा आदर्श अवश्य ही थोडे से शब्दों में कहा जा सकता है - मनुष्य जाति को उसके दिव्य स्वरूप का उपदेश देना, तथा जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में उसे अभिव्यक्त करने क...
मेरा आदर्श अवश्य ही थोडे से शब्दों में कहा जा सकता है - मनुष्य जाति को उसके दिव्य स्वरूप का उपदेश देना, तथा जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में उसे अभिव्यक्त करने क...
काली माता छिप गये तारे गगन के, बादलों पर चढे बादल, काँपकर गहरा अँधेरा, क्रमशः...
लेकिन दुर्भाग्यवश उस गाँव के रास्ते में ही मुझे तेज़ बुखार आ गया और फिर क़ै - दस्त होने लगी, जैसी हैज़े में होती है। तीन - चार दिन बाद बुखार फिर हो आया -- और इस...
परमात्मा की कृपा पर मेरा अखण्ड विश्वास है। वह कभी टूटने वाला भी नहीं। धर्मग्रन्थो पर मेरी अटूट श्रध्दा है। परन्तु प्रभु की इच्छा से मेरे गत छः सात वर्ष निरन्...
जो लोग जिस प्रकार मेरी शरण लेते हैं, मैं उन्हे उसी प्रकार भजता हूँ अर्थात उन पर उसी प्रकार अनुग्रह करता हूँ, क्योंकि सभी मनुष्य सब प्रकार से मेरे ही मार्ग का...